मेनू

शत्रु को मित्र बनाने के टोटके

12/09/2018 - वशीकरण यन्त्र
शत्रु को मित्र बनाने के टोटके

शत्रु को मित्र बनाने के टोटके

इस जीवन यात्रा में हम न जाने कितने शत्रु बनाते हैं, कितने मित्र बनाते हैं| सोचने की बात यह है कि इन शत्रु या मित्र को क्या सिर्फ हम चुनते हैं| मित्र चुनने की बात हो तो यह बात कही जा सकती है लेकिन शत्रु शायद हम अपनी मर्ज़ी से नहीं चुनते| वह एक परिस्थिति होती है या फिर व्यक्तित्व में अंतर, या हितों में टकराव शत्रु बन जाते हैं| मर्ज़ी से शायद कोई किसी को शत्रु नहीं बनाना चाहेगा| कई बार ऐसा भी होता है जिसे हम शत्रु समझते हैं वह वास्तव में हमारा हित चिन्तक होता है और जिसे मित्र समझते है वह पीठ में छूरा भोंकने वाला निकल जाता है| अब किसी कारणवश कोई शत्रु बन बैठा तो वह शांत नहीं बैठेगा| वह कुछ न कुछ नुकसान ज़रूर पहुंचाएगा| कई शत्रु का चेहरा हम पहचानते हैं लेकिन असल खतरा तो गुप्त शत्रुओं से होती है| हम उन्हें नहीं पहचानते और वह कौन सा वार कब कर बैठे हम कभी नहीं समझ पाते| ऐसे शत्रुओं के शमन के लिए कुछ साधको ने उपाय के बारे में सोचा| साधना किया और जनहित में कुछ लोगों को बताया| वही जनश्रुति आज हम टोटकों के रूप में जानते हैं|

शत्रु को मित्र बनाने के टोटके

शत्रु को मित्र बनाने के टोटके

शत्रु नाश मंत्र/टोटके/उपाय

यदि किसी शत्रु को पहचानते हैं और उससे आप बहुत परेशान हैं तो निम्नलिखित टोटकों को आजमा सकते है-

: शत्रु को मित्र बनाने के टोटके

हम शत्रु के साथ किस प्रकार का व्यवहार करते हैं यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम खुद कैसे हैं| कुछ लोग सिर्फ और सिर्फ बदला चाहते हैं| कुछ शत्रु को नेस्त नाबुत कर देना चाहते हैं| कुछ लोगों की तमन्ना सिर्फ इतनी है कि शत्रु उन्हे या उनके परिवार को चोट न पहुंचाए| कुछ उस शत्रु को प्रेम की दृष्टि से देखते हैं और चाहते हैं कि वह मित्र बन जाएँ| यदि शत्रु मित्र बन जाए तो इससे अच्छी बात भला क्या हो सकती है| यदि आप भी ऐसा ही कुछ चाहते हैं तो निम्लिखित उपाय को आजमा सकते है –

ये तमाम टोटके तभी काम करेंगे जब आपको शत्रु की पहचान होगी| जल्दबाजी में कुछ न आजमाएं| हो सकता है जिसे आप शत्रु समझ रहे हो वह मात्र छोटी सी गलतफहमी हो जिसे बात चीत के जरिये दूर किया जा सकता है| यह भी हो सकता है कि उसे आपके प्रति कान भरा गया हो| वास्तविक शत्रु कोई और हो| किसी को चोट या नुक्सान पहुंचाना एक पापकर्म माना जाता है जिसका भुगतान भी करना होता है| इसलिए पहले वास्तविकता की जांच कर लें| ऐसा न हो ग़लतफ़हमी में आप किसी का बुरा कर बैठें|