भूत प्रेत बाधा से बचने के उपाय
यह एक लम्बी बहस का मुद्दा हो सकता है कि भूत प्रेत चुड़ैल पिशाच आदि होते हैं कि नहीं होते हैं| दरअसल इस झगडे में दो विचारधाराएँ एक दूसरे के आमने सामने हो जाती हैं| पहली विचारधारा पूरी तरह वैज्ञानिक सोच पर आधारित होती हैं जो कि प्रत्यक्ष को ही प्रमाण मानता हैं| दूसरी विचारधारा आस्था पर आधारित होती है| यानि विश्वास पर| ऐसे में कुछ अनुभव ऐसे भी होते हैं जिनका उत्तर दोनों विचारधारा वालों में से किसी केपास नहीं होता| आखिर क्यों कोई अकारण मृत्यु को प्राप्त हो जाता है? आखिर क्यों कोई बच्चा एकदम से रोना शुरू कर देता है? आखिर क्यों कोई रहस्यमय बीमारी का शिकार बन जाता है? ऐसे क्यों का उत्तर मात्र आस्था से दिया जा सकता है कि शायद इसके पीछे कोई उपरी शक्ति हो, जो दिखाई नहीं देता? दिखाई देने में उनकी कोई रूचि भी नहीं होती| वे होते हैं बस हमारा इतना जानना काफी है| हमारी दुनिया और उनकी दुनिया के बीच के बारीक सी दीवार होती है| जाने अनजाने हम इस दीवार के पार चले जाते है या वे इस पार आ जाते हैं| परिणाम स्वरूप हमारे लिए समस्या शुरू हो जाती है| इनसे बचने के लिए हमारा यह जानना जरुरी है कि ये होती क्या हैं|
यह एक सामान्यधारणा है कि मरने के बाद जिनकी मुक्ति नहीं होती वे भूत या प्रेत बन जाते हैं| दरअसलमोक्ष भी उन्ही को प्राप्त होता है जो मौत के समय पूरी तरह सांसारिकता से मुक्त हो जाएं| कम उम्र के लोग, जीवन में पीडित, बदले की भावना लेकर मरने वाले, किसी का प्रेम ह्रदय में लिए मरने वाले लोगों की आत्माएं प्रायः मौत के बाद भी इस संसार से मुक्त नहीं हो पाती हैं| वे आस पास ही भटकती हैं| चूँकि इनके पास शारीर नहीं होता इसलिए ये हमसे सम्पर्क नहीं कर पाते| लेकिन जानकारों का यह भी मानना है कि इस अवस्था में भी कुछ आत्माएं कुछ शक्तियां प्राप्त कर ही लेती हैं| जिनकी सहायता से वे मौजदगी दिखाती हैं|
ऐसा भी नहीं कि सभी आत्माएं बुरी ही होती हैं| कुछ अच्छी आत्माएं भी होती हैं जिन्हें सिर्फ ऐसे व्यक्ति की प्रतीक्षा होती है जो उनकी मुक्ति में सहायक बने| तांत्रिकऔर वाम मार्गी अघोरी इन शक्तियों से नित्य दो चार होते हैं| क्योंकि उनकी साधना का विषय ही होता है इन शक्तियों को जागृत करना| कई अघोरी इन्हें सिद्ध कर अपना गुलाम बना लेते हैं और मनचाहे काम करवाते रहते हैं| इनकी दशा बहुत ही बुरी होती है| वे तांत्रिकों के गुलाम होते हैं| उनसे डरते हैं और कष्ट पाते हैं| जबकि कुछ आत्माएं स्वतन्त्र रूप से किसी सूने घर, पेड़खंडहर आदि में डेरा डाल देती हैं| फिरवहां कोई रहने आ जाए तो उन्हें परेशानी होती है| फिर वे उन्हें भागने के लिए उपद्रव शुरू कर देती हैं|
भूत प्रेत बाधा से बचने के उपाय
यदि आप इनसे बचकर रहना चाहते हैंऔर किसी बुरे अनुभव से होकर नहीं गुजरना चाहते तो कुछ सावाधानी रखें –
- जहां तक हो सके खुले में शौच अथवा पेशाब न करें| हो सकता है कि जहां आप मल मूत्र त्याग रहे हों वहाँ वर्षों से कोई आत्मा रह रही हो| पुरखों का कहनाहै कि यह उन्हें नागवार गुजरता है| ऐसा करने वालों के वे पीछे पड जाती हैं|
- यदि कोई पुराना मकान खरीदें तो सबसे पहले किसी जानकार को साथ ले जाकर जांच करवा लें कि वहाकोई आत्मा का वास तो नहीं| प्रमाण न भी मिले तो पूजा करवाएं| निवास के शुरूआती दिनों में कुछ उपद्रव समझ में आए तो तत्काल निदान करें| वैसे ऐसी स्थिति में यदि मन कमजोर न हो तो आहट होने पर, साया दिखने पर बिलकुल मतडरेंन कोई प्रतिक्रया दें| पलट पलट कर न देखें| ऐसा जताएं जैसे कुछ नहीं हुआ| अपने नित्य का पूजा करते रहें| घर साफ़ रखें| कोई भी कोना अन्धेरा न रखें| तांत्रिकों आ मानना है कि भूत प्रेत भी कमजोर आत्म विश्वास और डरपोकों को ही डराते हैं|
- ऐसी आत्माएं सोते हुए ज्यादातर हमला करती हैं क्योंकि मनुष्य उस समय सावधान नहीं होता| इसलिए सोते समय हाथ पैर धोकर सोयें| घरऔरबिस्तर साफ़ रखें| तकिये के नीचे लहसून रखें| लहसून रखने से नींद भी अच्छी आती है| लहसून रखने में समस्या हो तो हनुमान चालीसा रखें|
भूत प्रेत बाधा हरण मंत्र
कुछ सिद्ध साधकों का मानना है कि कुछ सिद्ध मन्त्रों के जाप से भूत प्रेत पास नहीं फटकते –
- हनुमान चालीसा : माना जाता है कि हनुमान जी इतने बलशाली हैं कि उनके सामने भूत प्रेतों की शक्तियां भी काम नहीं करती| हनुमान चालीसा में एक चौपाई भी है “ भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे| अर्थात हनुमान भक्त को कभी भूत प्रेत सता नहीं सकता| इसलिए घर में नित्य हनुमान चालीसा का पाठ होना चाहिए| इससेघरऊपरी बाधा से मुक्त रहता है|
- गायत्री मंत्र : यह एक शक्तिशाली मंत्र है| इसकी शक्ति के कारण ही मध्य काल में यह कहा गया कि महिलाएं और छोटी जाति के लोग इसका उच्चारण न करें| यदि वे ऐसा करते है तो वे पागल हो जाएंगे| परन्तु वास्तविकता यह नहीं है| गायत्री मंत्र का जाप कोई भी कर सकता है| प्रतिदिन स्नान के बाद 11 बार गायत्री मंत्र के जाप से घर के अन्दर बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं करतीं|
- दुर्गा सप्तशती में भी रक्षा कवच का विवरण है जिसके पाठ से ऊपरी बाधाएं परेशान नहीं करतीं| यदिप्रेत बाधा की शंका हो तो पीड़ित व्यक्ति को निम्नलिखित मंत्र पढ़कर उसके बालो में एक गाँठ लगा दें-
सुले न पाहि नों देवी पाहि खड्गेन चाम्बिके
घंटा स्वनेन न: पाहिचाज्यानीस्वनेन च
इस मंत्र से पीड़ित के चारो ओर एक कवच निर्मित हो जाता है| जिसके भीतर कोई बुरी शक्ति प्रवेश नहीं करती|